जिन्दगी में जो पाया वह मुकाम याद आता है ,
मैखाने में बैठु तो तेरा नाम याद आता है||हलक से गुजरते हर जाम के साथ ,
जलता है सीना तो मोहब्बत का अंजाम याद आता है ||
जब पलकें भारी और चाल ढीली पड़ जाती है ,
तब चुपचाप बैठ सिर्फ पीने का काम याद आता है ||
होश में न आना चाहूँ दोस्तों वरना ,
दिल को किसी से इंतकाम याद आता है ||
इसलिए नशे में मग्न रहना चाहता हूँ ,
इसलिए शाम से पहले ही जाम याद आता है ||
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