Wednesday, 27 July 2011

मेरी जिंदगी......

उम्र के उस दौर में 
जब दिमाग पर जोर डालने से 
चेहरे की  झुर्रियां 
गहरी  होने लगेंगी  
पर कुछ याद न आएगा.....

जज्बातों  से घिरकर 
कलम उठाऊंगा 
पर कांपते हांथों से 
कलम  छूट जाएगी 
और पलकों के पोरवों में 
पानी भर आएगा 
तब ....
अपने पुराने बक्से से
तेरी तस्वीर
ढूंढ़कर निकालूँगा 

जिसे देखकर मेरे 
 कँपकपांते होठों से 
बस दो शब्द निकल पाएँगे 
......मेरी जिंदगी !!!!


No comments:

Post a Comment