कुछ बूँद आस्मां से जो आँखों में टपकी ,
उन्हें चूमने को मेरी पल्कें झपकी ,
छलक कर वो गालों पे बहने लगे ,
भरा है ये पहले से कहने लगे ,
बरे प्यार से उनको हथेली में समेटा ,
ज्यों बादल ने उनको था खुद में लपेटा ,
बताया उसे फिर की दिल न भरा है ,
बरस झूमकर तेरा दीवाना खड़ा है |
बहुत सुंदर .... : )
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